Purani Mohabbat Shayari – मेरे जिस्म से उसकी खुशबु आज भी आती है
Purani Mohabbat Shayari – मेरे जिस्म से उसकी खुशबु मेरे जिस्म से उसकी खुशबु आज भी आती है, मैंने फुरसत में कभी सीने से लगाया था उसे !! जिस्म को जिस्म की ही तलाश है इसे इश्क न कहो ये महज प्यास है ख़ाक थी और जिस्म ओ जाँ कहते रहे चंद ईंटों को मकाँ …
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