Badal Shayari || Shayari on ‘बादल’ || Shayari on Clouds

Badal Shayari || Shayari on ‘बादल’ || Shayari on Clouds बादल है और फूल खिले हैं सभी तरफ़ कहता है दिल कि आज निकल जा किसी तरफ़ – बासिर सुल्तान काज़मी हर घड़ी बरसे है बादल मुझ में कौन है प्यास से पागल मुझ में – मिर्ज़ा अतहर ज़िया इतने घने बादल के पीछे कितना …

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