मैँ दरिया होकर भी अपनी औकात मेँ हूँ – Heart Touching Shayari Hindi
मैँ दरिया होकर भी अपनी औकात मेँ हूँ – Heart Touching Shayari Hindi वो कतरा बनके हुए आपे से बाहर, मैँ दरिया होकर भी अपनी औकात मेँ हूँ !! वो एक रात जला, तो उसे चिराग कह दिया हम बरसो से जल रहे है, कोई तो खिताब दो !! वो इस तरह मुस्कुरा रहे थे …
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