जब से देखा है चाँद को तन्हा – Lonely/Tanha Shayari
जब से देखा है चाँद को तन्हा, तुम से भी कोई शिकायत ना रही !! मैं भी तनहा हूँ और तुम भी तन्हा, वक़्त कुछ साथ गुजारा जाए !! आँखें फूटें जो झपकती भी हों, शब-ए-तन्हाई में कैसा सोना !! मुझसे छीनो न दिल की वीरानी, यह अमानत किसी अजनबी की है !! तमन्ना यही …
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