न लो इंतकाम मुझसे मेरे साथ-साथ चल के – Pyaar Mohabbat Shayari
ये वफ़ा की सख़्त राहें ये तुम्हारे पाँव नाज़ुक, न लो इंतकाम मुझसे मेरे साथ-साथ चल के !! एक ये ख्वाहिश के कोई ज़ख्म न देखे दिल का, एक ये हसरत कि कोई देखने वाला तो होता !! चल मेरे हमनशीं अब कहीं और चल, इस चमन में अब अपना गुजारा नहीं, बात होती गुलों …
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