ना हम रहे दिल लगाने के क़ाबिल – Dard Bhari Shayari
ना हम रहे दिल लगाने के क़ाबिल, ना दिल रहा गम उठाने के क़ाबिल, लगा उसकी यादों से जो ज़ख़्म दिल पर, ना छोड़ा उस ने मुस्कुराने के क़ाबिल !! नीम का पेड़ था बरसात थी और झूला था गाँव में गुज़रा ज़माना भी ग़ज़ल जैसा था !! पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने …
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