Lonely Shayari – वो चला गया ज़िन्दगी से ज़र्रा-ज़र्रा कर के
बंद मुट्ठी से याद गिरती है रेत की मानिंद, वो चला गया ज़िन्दगी से ज़र्रा-ज़र्रा कर के !! हर वक़्त का हँसना तुझे बर्बाद ना कर दे, तन्हाई के लम्हों में कभी रो भी लिया कर !! तन्हाईयाँ कुछ इस तरह से डसने लगी मुझे, मैं आज अपने पैरों की आहट से डर गया !! …
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