बारिशें कुछ इस तरह से होती रहीं मुझ पे – Barish Shayari In Hindi
बारिशें कुछ इस तरह से होती रहीं मुझ पे, ख्वाहिशें सूखती रहीं और पलकें रोतीं रहीं !! वो मेरे रु-बा-रु आया भी तो बरसात के मौसम में, मेरे आँसू बह रहे थे और वो बरसात समझ बैठा !! रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे, बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया …
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